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ट्रेड यूनियन के भारत बंद से 18,000 करोड़ का नुक्सान, GDP पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली. आज ट्रेड यूनियंस की ओर से बुलाए गए भारत बंद के चलते करीब 18,000 करोड़ रुपये का नुक्सान होने का अनुमान है. इस बारे में एसोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ने बताया है कि शुक्रवार को हुई इस देशव्यापी हड़ताल के वजह से ट्रेड, ट्रांसपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज जैसे सेक्टर्स को भारी […]

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  • September 2, 2016 4:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. आज ट्रेड यूनियंस की ओर से बुलाए गए भारत बंद के चलते करीब 18,000 करोड़ रुपये का नुक्सान होने का अनुमान है. इस बारे में एसोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ने बताया है कि शुक्रवार को हुई इस देशव्यापी हड़ताल के वजह से ट्रेड, ट्रांसपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज जैसे सेक्टर्स को भारी नुक्सान हो सकता है.
 
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इतना ही नहीं ऐसोचैम के अनुसार इस तरह के बंद भारत की जीडीपी की ग्रोथ में बहुत बड़ी बाधा साबित हो सकते हैं. ऐसोचैम का कहना है कि भारत की जीडीपी में बढ़ोतरी के लिए  मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को गति देनी होगी और सर्विस सेक्टर में भी तेजी लानी होगी. 
 
इस बारे में इंडस्ट्री बॉडी ने कहा है कि पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर में प्रॉडक्शन थमने और ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के बाधित होने से जीडीपी पर नकारात्मक असर पड़ेगा. बता दें कि बैंकिंग, होटल, ट्रेड और ट्रांसपोर्ट जैसे कारोबार देश की जीडीपी में बड़ी हिस्सेदारी रखते है और आज की देशव्यापी हड़ताल के चलते यह सभी क्षेत्र खासा प्रभावित हुए हैं. 
 
एसोचैम के जनरल सेक्रटरी डीएस रावत के अनुसार ‘हड़ताल की जगह ट्रेड यूनियंस को सरकार के साथ बातचीत में शामिल होना चाहिए.’ न्यूनतम मजदूरी पर उन्होंने कहा कि ‘न्यूनतम मजदूरी की मांग संतुलित होनी चाहिए.’
 
 
 

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