नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर के तौर पर रघुराम राजन का तीन साल का कार्यकाल 4 सितंबर को समाप्त हो रहा है. कार्यकाल समाप्त होने के ठीक पहले राजन ने कहा कि रुकना चाहते थे, लेकिन सरकार के साथ एक्सटेंशन के लिए सहमति नहीं बन पाई.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि मैं रुकना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. राजन ने कहा मैं अधूरे कामों को निपटाने के लिए रुकना चाहता था लेकिन सरकार के साथ दूसरे टर्म के लिए सही समझौता हो नहीं सका. उन्होंने यह भी कहा कि मेरा टर्म पूरा हो चुका था, इसलिए मुझे एक नया टर्म चाहिए था.
रघुराम राजन विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए सुर्खियों में रहे. कई मुद्दों पर उनके विचार सरकार के खिलाफ हो जाते थे.
यही नहीं लीक से हटकर बोलने को लेकर राजन ने अपनी आलोचनाओं को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि किसी भी पब्लिक पर्सनालिटी या हस्ती का यह कर्तव्य है कि वे युवाओं को अच्छे नागरिक होने के विषय में बताएं. ऊंची ब्याज दरों के संबंध में आलोचनाओं का जवाब देते हुए राजन ने कहा कि उन्होंने ब्याज दरों में कटौती के लिए हर संभव विकल्प का इस्तेमाल किया.
राजन से पहले डी सुब्बारॉव, बिमल जालान, सी रंगराजन समेत कई गवर्नर को एक्सटेंशन दिया गया है. 4 सितम्बर को राजन के पद छोड़ने के बादउर्जित पटेल गर्वनर पद संभालेंगे. उर्जित पटेल अभी आरबीआई में डिप्टी गवर्नर के पद पर कार्यरत हैं.