देश भर में 18 करोड़ श्रमिक हड़ताल पर, पढ़ें- अब तक की 10 बड़ी बातें

देशभर में चल रही श्रमिक संगठनों की हड़ताल ने सामान्य जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. देश में अलग-अलग जगहों से बसें न चलने और स्कूल-कॉलेज बंद होने की खबरें आ रही हैं. सुबह आॅफिस और स्कूल जाने वालों को खासा मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

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देश भर में 18 करोड़ श्रमिक हड़ताल पर, पढ़ें- अब तक की 10 बड़ी बातें

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  • September 2, 2016 5:49 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. देशभर में चल रही श्रमिक संगठनों की हड़ताल ने सामान्य जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. देश में अलग-अलग जगहों से बसे न चलने और स्कूल-कॉलेज बंद होने की खबरें आ रही हैं. सुबह आॅफिस और स्कूल जाने वालों को खासा मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. जानिए हड़ताल सामान्य जनजीवन को कैसे प्रभावित कर रही है. 
 
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1. उत्तर प्रदेश में यूपी रोडवेज के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण बसों की आवाजाही बंद है और लोगों को बसें मिलने में काफी दिक्कत आ रही है. लोग बस स्टैंड पर घंटों से इंतजार कर रहे हैं.
 
2. बैंगलुरु में भी लोग यातायात में दिक्कत होने के कारण परेशान हैं. 
 
3. श्रमिक संगठनों की हड़ताल को देखते हुए बेंगलुरु में स्कूल-कॉलेज भी बंद कर​ दिए गए हैं.
 
4. पश्चिम बंगाल में हड़ताल शुरू हो चुकी है और प्रदर्शनकारियों ने कूच बिहार जिले में एनबीएसटीसी बस तोड़ दी है.
 
5. श्रीनगर में हड़ताल के कारण होटल उद्योग को भी नुकसान पहुंचा है क्योंकि हड़ताल के चलते टूरिस्ट का आना बंद है. 
 
6. अधिकतर राज्यों में सरकारी बैंक और दफ्तर बंद हैं. केरल को छोड़कर सभी जगहों पर यातायात प्रभावित है क्योंकि केरल में सरकार ने विशेष बसें शुरू की हैं. 
 
7. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार आॅफिस और फैक्टरियों को बंद नहीं रहने देगी. हालांकि, वाम दलों ने हड़ताल को सफल बनाने की शपथ ली है. 
 
8. कर्नाटक में कांग्रेस हड़ताल का समर्थन कर रही है. यहां बसें तो कम चल रही हैं लेकिन आॅटा रिक्शा और टैक्सी पहले की तरह संचालित हैं. 
 
9.सरकार ने श्रमिक संगठनों से हड़ताल न करने की अपली की थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा था कि सरकार अपने कर्मचारियों का पिछले दो साल का बोनस जारी करेगी. साथ ही अकुशल श्रमिकों के न्‍यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी. हालांकि, उनकी इस अपील को संगठनों ने ठुकरा दिया है.
 
10.श्रमिक संगठनों ने सरकार से मासिक न्यूनतम मजदूरी 18,000 रुपए (692 रु. प्रतिदिन) करने और मासिक न्यूनतम पेंशन 3,000 रुपए करने की मांग की है.

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