नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वियतनाम की यात्रा पर रवाना होंगे. इसके बाद तीन सितम्बर को वो चीन जाएंगे जहां जी-20 देशों के सालाना शिखर-सम्मेलन में भाग लेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि भारत, जी-20 सम्मेलन में आतंकवाद की फंडिंग पर लगाम लगाने और टैक्स चोरी करने के लिए ठोस उपायों की वकालत कर सकता है.
मोदी का पहला पड़ाव वियतनाम में होगा जहां से वह तीन सितंबर को चीन के हांगझोउ के लिए रवाना होंगे. यहां वो चार-पांच सितंबर को होने वाले जी-20 के सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री सात और आठ सितंबर को लाओस जाएंगे. लाओस में पीएम वार्षिक भारत-आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
15 साल बाद भारतीय पीएम का वियतनाम दौरा होगा. 2001 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वियतनाम दौरे पर गए थे.
वियतनाम और चीन अभी दक्षिण चीन सागर विवाद में एक-दुसरे से उलझे हुए हैं. इस कारण से चीन के पहले प्रधानमंत्री का वियतनाम जाना चीन के लिए कड़ा संदेश है. इस यात्रा के दौरान वियतनाम की सेना को भारत चार पेट्रोल बोट्स की सप्लाई पर करार कर सकता है.
वियतनाम में मोदी वहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक वार्ता करेंगे जिनमें रक्षा, सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में संबंध गहरे करना और तेल निकालने में भारत की सहभागिता बढ़ाना शामिल है।
भारत का ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तीन दशक से अधिक समय से वियतनाम में तेल निकालने की परियोजनाओं में शामिल है और द्विपक्षीय यात्रा के दौरान क्षेत्र में नयी परियोजनाओं की घोषणा हो सकती है जो 15 साल के अंतराल के बाद हो रही है।