नई दिल्ली. वाड्रा लैंड डील मामले में जस्टिस एस.एन. ढींगरा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सीलबंद लिफाफे में 182 पेज की रिपोर्ट सौंप दी है. जस्टिस ढींगरा ने कहा कि जवीन आवंटन में गड़बड़ी पाई गई है, मैंने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट दो हिस्सों में सौंपी गई है एक में जांच है और दूसरे में सबूत हैं. अब सरकार को इस मामले में कार्रवाई करनी है.
जस्टिस ढींगरा ने कहा कि तीसरा भाग रिपोर्ट का हिस्सा नहीं है यह वो डॉक्यूमेंट है जो 30 जून को मुझे मिले थे. रिपोर्ट में उन मुद्दों को कवर किया जो मुझे जांच के लिए सौंपे थे जो सुबूत मिले वो सब रिपोर्ट में रखे गए है. मैंने हर उस इंसान का नाम रिपोर्ट में लिखा है जिसने अनियमतायो में मदद की चाहें वो निजी हो या सरकार आदमी. लेकिन ये सच है लाइसेंस देने में अनियमताएं बरती गईं.
वहीं सीएम खट्टर ने कहा कि देखने के बाद हम इस पर फैसला लेंगे कि क्या करना है. उन्होंने कहा दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. खट्टर सरकार ने 14 मई 2015 को हरियाणा, खासकर गुरुग्राम और उसके आसपास की विवादास्पद जमीन सौदों की जांच के लिए जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग का गठन किया था.
इस आयोग को जून 2016 में अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी थी लेकिन अंतिम समय पर आयोग के सामने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज आ गए और उसके आधार पर आयोग को जांच के लिए आठ सप्ताह का और समय मिल गया.
माना जा रहा है कि हरियाणा में जमीन घोटालों को लेकर बनाए गए जस्टिस ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट सियासी हलकों में बवाल मचाने जा रही है. सूत्रों के पता चला है कि जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में कई सरकारी अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाने का जिम्मेदार ठहराया है.
इनमें राबर्ट वाड्रा की कंपनिया, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा समेत 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा अफसर शामिल हैं. आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक साजिश समेत कई धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हो सकते हैं.