नई दिल्ली. ‘माउंटेन मैन’ के नाम से पहचाने जाने वाले दशरथ मांझी के गांव गेहलौर तक केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु भारतीय रेल को पहुंचाने की तैयारी में हैं. ऐसा वह दशरथ मांझी के नाम एक श्रधांजलि के तौर पर करना चाहते हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार दशरथ मांझी का गांव अब गया के आस पास के गांवों और शहरों से संपर्क में आ तो गया है लेकिन बावजूद इसके सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन वहां से अभी भी 8 किलोमीटर जेठियन में हैं.
ऐसा कहा जाता है कि मांझी आज से 4 दशक पहले रेलवे ट्रैक के साथ चलते-चलते गया से दिल्ली तक गए थे क्योंकि वह ट्रेन का टिकट अफोर्ड नहीं कर सकते थे. मांझी ने ऐसा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिल कर पहाड़ के बीच से सड़क निकालने की इच्छा जताने की खातिर किया था.
खबरों के अनुसार सुरेश प्रभु ने मंगलवार को घोषणा करी कि वह मांझी के गांव तक रेलवे लाइन पहुंचाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. इतना ही नहीं सूत्रों के अनुसार प्रभु उस स्टेशन का नाम मांझी के नाम पर भी रख सकते हैं.
2005 में अपनी मौत से दो साल पहले मांझी ने पहाड़ को अकेले काट देने की वजह बताते हुए कहा था कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि उनके गांव के लोगों को ना सिर्फ आस पास के शहरों और गांवों तक पहुंचने में आसानी हो सके बल्कि वह नज़दीकी स्कूल और अस्पताल की भी सुविधा ले सकें.