नई दिल्ली. 21 जुलाई 2016 की रात थी. घड़ी में 10 बज रहे थे. त्रिपुरा में एक आईएएस अधिकारी खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहा था, तभी एक फोन आया और उधर से कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपसे बात करना चाहते हैं.
यह सुनते ही अधिकारी के होश उड़ गए. उसके पैर कांपने लगे. इसके बाद अगली फोन पर अगली आवाज श्री नरेंद्र मोदी की थी. मोदी ने इसके लिए सबसे पहले आईएएस अधिकारी से माफी मांगी उसके बाद कहा, ‘परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ मेरी अभी मीटिंग हुई है और हम चाहते हैं कि पूरे देश को जोड़ने वाली एनएच 208-A की मरम्मत में आप हमारा सहयोग करें. इसके लिए आपको सरकार की ओर से पूरी मदद की जाएगी.’ इसके बाद पूरी रात अधिकारी को नींद नहीं आई.
अगले दिन ऑफिसर ऑफिस पहुंचे और त्रिपुरा सरकार से संपर्क किया. साथ ही 15 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के फंड को भी मंजूरी दी. उसके बाद जब वे साइट पर पहुंचे तो वहां असम सरकार की पहले से ही असम सरकार की 6 जेसीबी पहुंची हुई थीं, जिसके बाद युद्ध स्तर पर सड़क निर्माण का काम पूरा हुआ. उसके अगले दिन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारी को फोन किया और शु्क्रिया कहा. साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय आने का न्यौता दिया.
इस पूरे वाकये को एक अंग्रेजी वेबसाइट
Quora पर पुष्पक चक्रवर्ती नाम के एक शख्स ने शेयर किया है. हालांकि पूरे पोस्ट में कही भी उस आईएएस अधिकारी के नाम का जिक्र नहीं किया गया है.