नई दिल्ली. नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) ने केजरीवाल सरकार के विज्ञापनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस रिपोर्ट पर आगामी दिनों में हंगामा बढ़ने के आसार हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों पर जो 526 करोड़ रुपए खर्च किए हैं उनमें से केवल सरकार 100 करोड़ रुपए का ही हिसाब दे पाई है.
CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों पर जो 526 करोड़ रुपए खर्च किए हैं उनमें से केवल सरकार 100 करोड़ रुपए का ही हिसाब दे पाई है. इसके अलावा सरकार ने एक विशेष अभियान पर 33 करोड़ रुपए खर्च किए जिसमें इस खर्च का करीब 85 फीसदी भाग दिल्ली से बाहर खर्च किया गया. वैसे केजरीवाल सरकार दावा कर रही है कि यह रिपोर्ट उस तक नहीं पहुंची है लेकिन CAG का कहना है कि वह इस रिपोर्ट को सरकार तक पहुंचा चुकी है.
CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 -16 में सरकार ने विज्ञापनों पर करीब 114 करोड़ रूपये खर्च किये हैं. साथ ही कैग ने इस बात पर भी आपत्ति जताई की जहाँ सरकार को विज्ञापनों में दिल्ली सरकार लिखना था वहां उन्होंने आप की सरकार या केजरीवाल सरकार लिखा है.
दिल्ली विधानसभा विपक्ष ने CAG की रिपोर्ट को मुद्दा बनाया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि CAG रिपोर्ट में सरकार के विज्ञापनों के घोटालों का जिक्र है, इसलिए सरकार उसे सदन पटल पर नहीं रख रही. वहीं केजरीवाल सरकार ने सदन में साफ किया कि उनके पास CAG की कोई रिपोर्ट नहीं आई है. विपक्ष के नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा कि वो दिल्ली सरकार के खिलाफ लोकायुक्त, एसीबी और सीबीआई में शिकायत करेंगे.