मुंबई. शिवसेना ने दही-हांडी की उंचाई 20 फीट रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गुरुवार को सवाल खड़े किए हैं. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इसे अदालती तानाशाही करार दिया गया. सामना में आगे लिखा है कि हिंदूओं के त्यौहार आते ही अदालतों की मटकी लटकने लगती है ऐसे में कोर्ट के तानाशही फैसले को कैसे स्वीकार कर लें.
शिवसेना ने कहा है कि सरकार को कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए. राजनेता अब कोर्ट के आदेश का पालन करने में जुट गए हैं और लोगों से अनुशासन बनाए रखने और बनाए गये दिशा-निर्देशों का पालन करने को कह रहे हैं. इससे अच्छा सरकार कोर्ट के आदेश को लेकर मन में गुस्सा उमड़ने के बावजूद उसे पलटने के लिए एक अध्यादेश लाए.
सामना में शिवसेना ने कहा कि पुलिस अब अपराधियों को पकड़ने के अपने तय काम को करने के बजाय कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए एक जगह से दूसरी जगह तक घूमती रहेगी. अब यह सही होगा कि आतंकवादी, अपराधी, चोर फ्री होकर घूमें और पुलिस गोविंदाओं पर नजर रखे.
मुखपत्र में आगे लिखा है कि कोई त्यौहार मनाना अब देश में एक अपराध हो गया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्माष्टमी त्यौहार पर मनाये जाने वाले दही हांडी उत्सव में 18 साल से कम उम्र के लोगों के शामिल होने पर बैन लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हाईकोर्ट के उस आदेश को भी बरकरार रखा है.