नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार और नौकरशाही के बीच छिड़ी लड़ाई हर रोज एक नई शक्ल लेती जा रही है. पहले आप की सरकार ने आरोप लगाया कि दिल्ली की नौकरशाही केंद्र के इशारे पर काम कर रही है और शकुंतला गैमलिन जैसे अफसर रिलायंस जैसी कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं. अब शकुंतला गैमलिन ने ऐसा पलटवार किया है कि केजरीवाल सरकार की नीयत भी सवालों के घेरे में आ गई है.
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार और नौकरशाही के बीच छिड़ी लड़ाई हर रोज एक नई शक्ल लेती जा रही है. पहले आप की सरकार ने आरोप लगाया कि दिल्ली की नौकरशाही केंद्र के इशारे पर काम कर रही है और शकुंतला गैमलिन जैसे अफसर रिलायंस जैसी कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं. अब शकुंतला गैमलिन ने ऐसा पलटवार किया है कि केजरीवाल सरकार की नीयत भी सवालों के घेरे में आ गई है.
गैमलिन ने इसी हफ्ते उपराज्यपाल को एक चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि दिल्ली सरकार के औद्योगिक मंत्री सतेंद्र जैन बार-बार दबाव डालकर औद्योगिक क्षेत्र के प्लॉट को लीज से फ्री-होल्ड करने के कैबिनेट नोट लाने का दबाव बना रहे हैं. इसकी होल्डिंग फ्री करने से सरकारी खजाने को करोड़ों का फटका लग सकता था. अब ये बड़ा सवाल है कि आखिर दिल्ली की सरकार और नौकरशाही के बीच लड़ाई की असल वजह क्या है ?