नई दिल्ली. हर साल फरवरी माह के अंत में पेश होने वाला बजट अब एक महीने पहले जनवरी में पेश हो सकता है. भारत सरकार ब्रिटिश काल से चली आ रही इस परंपरा को खत्म करके बजट पेश करने का समय एक महीने पहले करने पर विचार कर रही है.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की इस खबर के मुताबिक सरकार का मानना है कि जनवरी में बजट पेश करने से टैक्स देने वालों को योजना बनाने में सुविधा होगी. साथ ही सरकार को भी वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही सारे इंतजाम करने की सहूलियत मिल जाएगी. फिलहाल संसद बजट में टैक्स बदलावों और वित्त विधेयकों को मई महीने के दूसरे सप्ताह में बहस करने के बाद पास करती है. हालांकि, अभी इसे लेकर अंतिम फैसला किया जाना बाकी है.
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है, ‘अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है लेकिन मंत्रालय बजट पेश करने का समय पहले करने पर विचार कर रहा है.’ यह फैसला गणतंत्र दिवस को ध्यान में रखकर भी किया जाएगा.
इसके साथ ही सरकार वित्तीय वर्ष में कुछ हफ्तों के विस्तार के लिए संसद की मंजूरी चाहती है. सरकार की दलील है कि संविधान में बजट पेश किए जाने की तारीख और वक्त को लेकर कोई ठोस प्रावधान नहीं किए गए हैं. वर्ष 1999 तक बजट शाम के 5 बजे पेश किए जाता रहा है. ब्रिटिशकाल की इस परंपरा को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बदलकर बजट पेश किए जाने का समय दिन के 11 बजे तय कर दिया था.
लेकिन, इस संबंध में आम सहमति बनना मुश्किल लग रहा है क्योंकि कुछ राजनीतिक दल इस बदलाव के समर्थन में नहीं हैं. कहा जा रहा है कि जनवरी में बजट पेश होने से शीत सत्र के बाद बहुत कम समय बचेगा और इससे संसदीय कार्य में बाधा उत्पन्न होगी. हालांकि, कर विशेषज्ञों ने इस परिवर्तन की संभावना का स्वागत किया है.