आगरा. उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है. इसी क्रम में बसपा ने आगरा में एक विशाल रैली का आयोजन किया. जिसमें हजारों लोगों की भीड़ जुटी. वहीं बसपा के लोगों ने रैली में लाखों लोगों के जुटने का दावा किया है. आगरा का कोठी मीना बाजार शाहगंज में सिर्फ नीला रंग ही नजर आ रहा था, चारों तरफ बसपा के झंडे और बैनर दिखाई दे रहे थे.
आगरा रैली से चुनावी बिगुल फूंकते हुए बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने विपक्षियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई. मायावती ने प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. रैली के दौरान बुलन्दशहर गैंगरेप कांड का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि, सूबे में महिलाएं सुरक्षित नहीं है, लेकिन अखिलेश राज्य में विकास और शांति की झूठी कहानी जनता को सुना रहे हैं.
पिछले दिनों गुजरात में दलितों पर हुए हमलों को लेकर मायावती ने बीजेपी और केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की. मायावती ने केंद्र सरकार को दलित विरोधी बताते पीएम पर जमकर निशाना साधा. मायावती ने कहा कि, एक ओर पीएम अपने आपको दलित-पिछड़ा बताते हैं. वहीं दूसरी तरफ दलितों पर अत्याचारों की घटनाओं पर वो चुप्पी साधे रखते हैं. साथ ही केंद्र सरकार संघ के साथ मिलकर आरक्षण को खत्म करने पर तुली है. मायावती ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर मिली भगत का आरोप लगाते हुए कहा कि, दोनों पार्टियां मिली हुई हैं. इनकी मिलीभगत के कारण प्रदेश में कई जगह सांप्रदायिक घटनाएं हुईं हैं.
इस दौरान मायावती ने मीडिया पर भी पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि टीवी और अखबार बिके हुए हैं. ये धन्नासेठों की पार्टियों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका उदाहरण यूपी के 2007 के चुनाव हैं. इन चुनावों के वक्त बसपा को तीसरे नंबर पर जानबूझकर बताया गया था लेकिन वो नंबर वन की पूर्ण बहुमत की पार्टी बनकर उभरी थी. मायावती ने कहा टीवी चैनलों को पैसे देकर बसपा की विरोधी पार्टियां अपने हिसाब से सर्वे के आंकड़े दिखा रही हैं.
मायावती ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की नेता शीला दीक्षित पर हमला बोला और कहा, कांग्रेस ने शीला को सीएम उम्मीदवार बनाया है जिन्होंने दिल्ली को बर्बाद कर दिया था.