नई दिल्ली. आज हम किसी भी शहर की सड़कों की बात करें तो सभी शहरों की कमोबेश एक ही जैसी स्थिति है. हर तरफ जाम ही जाम. सड़कें गाडियों से खचाखच भरी होती हैं. लेकिन सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़े चौकाने वाले हैं. सरकार के अनुसार देश में लगभग 90 फीसदी लोगों के पास अपनी गाड़ी नहीं है. यहां अपना निजी वाहन लेने की सोच रहे लोगों को सस्ते सार्वजनिक परिवहन के विकल्प उपलब्ध कराने की जरुरत हैं, ताकि सड़कों पर और ट्रेफिक का बोझ ना पड़े.
द इकॉनोमिक्स टाइम्स में छपी खबर के अनुसार सरकारी आंकड़ें बताते है कि, देश भर में लगभग 18.64 करोड़ निजी वाहन हैं, जिनमें दुपहिया वाहन भी शामिल हैं. इनमें से 18 लाख बसें हैं. चिंता की बात ये है कि इन 18 लाख बसों में केवल 1.6 लाख बसें ही राज्य परिवहन निगमों के अधीन हैं. बाकी सारी प्राइवेट हैं. राज्य में अधिकतर लोग यातायात के लिए इन्ही बसों पर निर्भर करते हैं.
परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अब सरकार ‘मूव इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत राज्य पब्लिक यातायात संस्थाओं (SRTU) को पुर्नजीवित करने का रोडमैप तैयार कर रही है. जिसकी जल्द ही घोषणा हो सकती है. इनका इस्तेमाल देश के अधिकांश भागों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाएगा. कार्यक्रम के तहत SRTU को पहले से अधिक फंड दिया जाएगा. जिससे वे इस फंड का इस्तेमाल करके और अधिक बसों की खरीद और उनकी दक्षता में सुधार करने में सक्षम हो जाएंगे.