नई दिल्ली. देशद्रोह का आरोप झेल रहे जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को को मिली अंतरिम जमानत फिलहाल जारी रहेगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया की जमानत शर्तों के खुलेआम उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
हाइकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कन्हैया कुमार की जमानत रद्द करने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. कन्हैया के सेना के खिलाफ विवादित बयानों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी को देशविरोधी और जमानत की शर्तों का उंल्लघन करार देते हुए अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग की गई थी. जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की खिंचाई करते हुए हाई कोर्ट ने टिप्पणी कर कहा कि आप कोर्ट के साथ क्यों खेल रहे हैं. आपने सिस्टम का मजाक बनाकर रख दिया है. कोर्ट दिल्ली पुलिस की ओर से पेश दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई और कहा कि पुलिस इस मामले में आंख मिचौली का खेल खेल रही है.
कोर्ट ने कहा कि पिछली तीन सुनवाई के दौरान इस मामले में पुलिस ये साफ नहीं कर पाई कि कन्हैया के मामले में उनका स्टैंड क्या है. और फिर आप कह रहे हैं कि कोर्ट खुद तय करे कि जमानत रद्द होगी या नहीं. कोर्ट ने कहा कि पुलिस को यह स्टैंड लेना चाहिए कि बेल कैंसिल होना चाहिए या नहीं.
याचिका में 3 और 9 मार्च के कन्हैया के उन भाषणों को आधार बनाया गया था, जिसमें कथिच तौर पर उन्होंने सेना के जवानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. बता दें कि कन्हैया पर इसी साल 9 फरवरी को कन्हैया समेत कुछ छात्रों पर जेएनयू कैंपस में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है.