नई दिल्ली. उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल सरकार की आपत्ति के बावजूद 15 मई को शकुंतला गैमलिन को दिल्ली का कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाया. इस फैसले को केजरीवाल सरकार ने नाक का सवाल बना रखा था. केंद्र ने नोटिफिकेशन देकर तस्वीर साफ करने की कोशिश की कि अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अंतिम संवैधानिक हक उपराज्यपाल को ही है, लेकिन केजरीवाल सरकार ने नोटिफिकेशन को भी अपने खिलाफ केंद्र की चाल मानी.
विधानसभा में उपराज्यपाल को भी साजिश का हिस्सा करार देते हुए नोटिफिकेशन के खिलाफ बाकायदा प्रस्ताव पास करा दिया. अब हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान साफ हो गया कि केजरीवाल को नियुक्ति और तबादले का अधिकार नहीं है. वो एलजी को सिर्फ प्रस्ताव भेज सकते हैं, अंतिम फैसला एलजी के पास होगा. ऐसे में ये बड़ा सवाल है कि क्या एलजी ही हैं दिल्ली के असली बिग बॉस ? हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद अब क्या करेंगे केजरीवाल ?
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