नई दिल्ली. 25 जुलाई को लश्कर-ए-तैयबा के ज़िंदा पकड़े गए आतंकवादी बहादुर अली के बारे में एनआईए का कहना है कि उसे दी गयी ट्रेनिंग में सेना के विशेषज्ञों का हाथ दिखाई देता है. बहादुर अली को कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में हुई मुठभेड़ में ज़िंदा पकड़ा गया था. पकडे जाने के बाद 30 जुलाई को आतंकवादी बहादुर अली को एनआईए की कस्टडी में भेज दिया गया था.
अपने ताजा बयान में आतंकवादी बहादुर अली ने माना है कि उसे लश्कर-ए-तैयबा की ओर से जम्मू कश्मीर में स्थानीय लोगों के बीच मिल कर दंगा फसाद करने के लिए ट्रेनिंग दी गयी थी. यह बात बहादुर अली ने एक ताज़ा विडियो में कही है, जिसे एनआईए की ओर से जारी किया गया है.
एनआईए चीफ संजीव कुमार के अनुसार आतंकवादी बहादुर अली को दी गयी हत्यार चलाने की ट्रेनिंग में पाकिस्तानी सेना के विशेषज्ञों का हाथ दिखाई देता है. उन्होंने आगे कहा कि अपनी गिरफ्तारी के पहले तक अली लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन रूम से संपर्क में था और भारत पर हमले करने के सम्बन्ध में जानकारी ले रहा था.
कुमार के अनुसार बहादुर अली को कश्मीर में बुरहानी वानी के मुद्दे पर मची अफरातफरी का फायदा उठाने का निर्देश दिया गया था.