श्रीनगर. आतंकी सगंठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुरहान वानी जम्मू-कश्मीर पुलिस के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद कश्मीर में लगातार 31वें दिन कर्फ्यू जारी है. उधर केंद्र ने कश्मीर के हालात बिगड़ रहे हुड़दंगियों पर सख्ती से निपटने की तैयारी की है. प्रदर्शनकारियों की आड़ में आतंकी हमले से निपटने के लिए सुरक्षाबल ऑपरेशन चलाएंगे. केंद्र सरकार ने साफ किया है कि अब अलगाववादियों से बात नहीं होगी.
इस विरोध प्रदर्शन में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अब तक 55 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 3783 के करीब लोग घायल हो गए हैं. कांग्रेस ने प्रश्नकाल स्थगित कर कश्मीर में बिगड़े हालात पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर में हालात खराब हैं, भारत में 30 दिनों का कर्फ्यू नहीं देखा. सरकार इस मामले पर कब तक खामोश रहेगी.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार तमाशा देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि हिंदुस्तान का ताज जल रहा है लेकिन इसकी गर्मी दिल्ली की सरकार तक नहीं पहुंच रही. अबतक हिंसा में 5 हजार से अधिक लोग जख्मी हुए हैं. 3000 से अधिक सुरक्षाबल के जवान जख्मी हैं. गुलाम नबी आजाद ने पीएम की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक की मांग की. उन्होंने कहा कि इस बैठक में ऑल पार्टी डेलिगेशन को कश्मीर भी जाना चाहिए.
सीताराम येचुरी ने गुलाम नबी आजाद का समर्थन करते हुए उनकी ही बात दोहराई. येचुरी ने कहा कि मैंने अपने जीवन में आजाद भारत में 30 दिनों का कर्फ्यू नहीं देखा. हिंसा में फायरिंग के 1000 मामले सामने आए हैं.
इस बीच सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुडा ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. उन्होंने हिंसा प्रभावित घाटी में शांति लाने के लिए राज्य सरकार को हर मुमकिन सहायता का आश्वासन दिया. सेना ने इसे लेकर एक बयान जारी किया है. उसमें कहा गया है कि जल्द से जल्द शांति लाने में सेना सरकार को हर संभव सहायता देगी. उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल हुडा ने घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा की