नई दिल्ली. भारत में हर साल बाढ़ और बारिश की वजह से भारी तबाही होती है. पुल गिरते हैं, लोग मरते हैं, इमारते देखते ही देखते जमींदोज हो जाती हैं और लोग उसमें दफन हो जाते हैं. आज हम इसी मुसीबत की बात करेंगे जिसकी वजह से हर साल भारत में करोड़ों का नुकसान होता है और सैकड़ों लोगों की जिन्दगियां तबाह होती हैं.
हाल की ही बात करें तो महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में मुंबई-गोवा हाइवे पर सावित्री नदी पर बने पुल का एक बड़ा हिस्सा नदी में समा गया, जिसमें 2 बसें, 2 कारें बह गईं. इसमें करीब 100 लोग बह गए. इस हादसे में कई लोग मारे गए. किसी के घर का चिराग बुझ गया तो किसी के सर से पिता-पति का साया उठ गया. नदी में डूबे कार-बाइक को ढुंढ़ने के लिए 300 किलो का चुंबक हेलिकॉप्टर से बांधकर पानी में खोजा जा रहा है, लेकिन अभी तक एक भी बाइक का पता नहीं चल पाया है.
हालांकि यह हालत केवल इंडिया में ही नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देश इस मुसीबत की चपेट में हैं, लेकिन उन्होंने इससे बचने का तरीका अपना लिया है और हम आज भी उसी मुसीबत में अपने खेत-खलिहान, अपने सपने के घर को अपने ही आंखों के सामने तबाह होते हुए देख रहे हैं.
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अर्ध सत्य में
मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत आपको इसी मुसीबत से रू-ब-रू कराएंगे और बताएंगे कि जब दुनिया के कई देश इस मुसीबत से बचने के लिए रास्ता अपना सकते हैं तो हिन्दुस्तान क्यों नहीं ?