श्रीनगर: हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के बाद उसके पिता मुजफ्फर वानी भी भारत के खिलाफ खड़े हो गए हैं. मुजफ्फर वानी ने घोषणा की है कि भारत के खिलाफ आजादी की जंग में अपने दोनों बेटों के बाद, इकलौती बेटी की भी कुर्बानी देने के लिए वो तैयार है.
मुजफ्फर वानी घाटी में चल रहे आंदोलनों का प्रमुख चेहरा बन चुके हैं. शुक्रवार को वानी ने पंपोर में एक बड़ी जनसभा भी की थी. इस जनसभा में घाटी में लगे कर्फ्यू को नकारते हुए हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. यह जनसभा हुर्रियत के नेताओं ने बुलाई थी. जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए मुजफ्फर ने कहा कि भारत के ‘कब्जे’ वाले कश्मीर के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए वो अपनी इकलौती बेटी को भी तैयार कर रहे हैं.
मुजफ्फर ने कहा कि इस लड़ाई में अपने दोनों बेटों को खो देने का उन्हें कोई गम नहीं है. बुरहान वानी का भाई खालिद 2010 में एक एनकाउंटर में मारा गया था.
कश्मीर में हाल ही में अलगाववादियों का एक अलग संगठन बनाया गया है. इसमें सैय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाज उमर फारुख और यासीन मलिक शामिल हैं.