केंद्र VS केजरीवाल: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अहम् सुनवाई

नई दिल्ली. दिल्ली में केंद्र और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जारी अधिकारों की लड़ाई के लिए आज एक अहम् दिन है.  एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की शक्तियों के मामले पर केंद्र की याचिका के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र ने याचिका दाखिल की थी. इसी पर शीर्ष कोर्ट में सुनवाई होनी है. उधर, एलजी को पूर्ण शक्तियां देने वाले गृह मंत्रालय के विवादित नोटिफिकेशन के खिलाफ केजरीवाल सरकार की अपील पर दिल्ली हाई कोर्ट में भी सुनवाई होनी है.

केजरीवाल और केंद्र के बीच जारी जंग में फिलहाल अदालत के फैसले पर सभी की नज़र बनी हुई है. अपनी याचिका में केंद्र सरकार ने शीर्ष कोर्ट के सामने 10 सवाल रखे हैं और अपने अधिकारों का हवाला दिया है. केंद्र की याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट का फैसला एकपक्षीय आदेश है और इस बारे में भारत सरकार को अपनी बात रखने मौका नहीं मिला. केंद्र ने अपनी याचिका में पूछा है कि क्या दिल्ली की सरकार केंद्र के कानून को मानने के लिए बाध्य नहीं है?

उधर दूसरे घटनाक्रम में, नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर केजरीवाल सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि उपराज्यपाल को दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग का पूरा अधिकार है और वह ‘चाहें तो’ मुख्यमंत्री से सलाह ले सकते हैं. दिल्ली सरकार ने इस नोटिफिकेशन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने गृह सचिव एल सी गोयल से गुरुवार को मुलाकात करके सारे विवाद की जानकारी दी. केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच कानूनी लड़ाई पर कांग्रेस ने केजरीवाल पर हमला बोला. अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल अपनी नाकामी छुपाने के लिए ये सब कुछ कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘सरकारें आपसी तालमेल से सरकार चलती है, नियम सबके लिए साफ है, हमने सरकार नहीं चलाई क्या?’

इससे पहले दिल्ली विधानसभा ने नोटिफिकेशन को ‘तालिबानी’ बताते हुए इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया. दिल्ली विधानसभा ने विधानसभा सत्र के पहले दिन AAP विधायक सोमनाथ भारती की ओर से पेश निजी प्रस्ताव पर तीन विधायकों की ओर से पेश किए गए चार संशोधनों को स्वीकार कर लिया. AAP विधायक सोमनाथ भारती ने बुधवार को एक निजी सदस्य प्रस्ताव पेश किया था और केंद्र की नोटिफिकेशन को अवैध और अमान्य बताया था. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यह सदन सरकार को सिफारिश करती है कि वह एनसीटी लोकसेवा आयोग के गठन के लिए कानून लाए.

IANS से भी इनपुट 

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