रजौरी. कश्मीर हिंसा की आग अब जम्मू तक पहुंच गई है. जम्मू के रजौरी, किश्तवाड़, भद्रवाह, डोडा और रामबन जिलों तक पहुंची चुकी है. इन जिलों में बीती रात एक खास समुदाय के लोगों ने बंद बुलाया और देश विरोधी नारे लगाए. इस स्थिति को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और एहतियातन जम्मू रीजन में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी है.
अलगाववादियों ने श्रीनगर में हजरतबल दरगाह चलने और नमाज पढ़ने का आह्वन किया था. हिंसा के चलते प्रशासन ने नमाज अता करने की अनुमति नहीं दी है. साथ ही श्रीनगर के सभी रास्तों को बंद भी कर दिया है. वहीं अलगाववादी नेता गिलानी ने लोगों को शिकारे से डल झील के रास्ते दरगाह पहुंचने को कहा था, जिसके मद्देनजर डल झील पर कड़ा पहरा कर दिया गया है.
इस बीच सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुडा ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. उन्होंने हिंसा प्रभावित घाटी में शांति लाने के लिए राज्य सरकार को हर मुमकिन सहायता का आश्वासन दिया. सेना ने इसे लेकर एक बयान जारी किया है. उसमें कहा गया है कि जल्द से जल्द शांति लाने में सेना सरकार को हर संभव सहायता देगी. उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल हुडा ने घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा की.
आतंकी सगंठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस विरोध प्रदर्शन में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 1200 के करीब लोग घायल हो चुके हैं जिनमें 200 पुलिसकर्मी हैं.