नई दिल्ली. सार्क सम्मेलन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान का विपक्ष ने स्वागत किया. राजनाथ सिंह द्वारा आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को दिए गए दो टूक बयान की शुक्रवार को विपक्ष ने एक स्वर में सराहना की. इसके साथ ही सभी विपक्षी दलों ने पाकिस्तान द्वारा गृह मंत्री के प्रोटोकॉल समेत हर मुद्दे पर की गई अनदेखी की घोर निंदा भी की.
कांग्रेस ने कड़े शब्दों में की निंदा
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे गृह मंत्री को पाकिस्तान में पर्याप्त सम्मान नहीं मिला, जिसका हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. आतंकवाद का पूरी दुनिया में खौफ है और भारत इससे ज्यादा प्रभावित हुआ है. कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी. हमने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने दो प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी और राजीव गांधी) के अलावा एक मुख्यमंत्री बेअंत सिंह भी खोया है. यहां तक की कश्मीर में हजारों की तादाद में लोग आतंकवाद के शिकार हुए.
‘पाकिस्तान ने प्रोटोकोल का पालन नहीं किया’
जेडीयू सांसद शरद यादव ने कहा कि पाकिस्तान ने प्रोटोकोल का पालन नहीं किया. पूरा देश इस मामले में एकजुट है. हमारी पार्टी पूरी तरह इस मुद्दे पर सरकार के साथ है.
‘भारत-पाक रिश्तों पर पुनर्विचार की जरूरत’
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि गृह मंत्री ने सार्क सम्मेलन में भारत की तरफ से आतंकवाद पर जो खुलकर अपनी बात रखी, इसका हमारी पार्टी समर्थन करती है. मेरा यही कहना है कि इस मामले में हम सभी पार्टियों को राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ आना होगा. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को लेकर गृह मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करें और भारत-पाक संबंध को लेकर अभी तक की नीति पर कुछ पुनर्विचार जरूर करें.
‘पाकिस्तान नम्रता से नहीं सुनता’
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि हमारे गृह मंत्री ने सार्क देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में आतंकवाद और अन्य मसलों पर जो बातें कहीं, वह प्रशंसनीय हैं. हम उसका समर्थन करते हैं. देश की जनता भी चाहती है कि पाकिस्तान से सख्ती से बात की जाए. पाकिस्तान नम्रता से कोई भी बात सुनने का आदी नहीं है.