नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उप राज्यपाल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार उप राज्यपाल का हर फैसला मानें.
हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, उप राज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासनिक मुखिया हैं. कोर्ट के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उप-राज्यपाल नजीब जंग ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया.
जीत के सवाल का जवाब देते हुए जंग ने कहा कि यह किसी की जीत नहीं है बल्कि यह संवैधानिक वैधता से जुड़ा है. उन्होंने कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा, ‘हम केंद्र को रिपोर्ट करते हैं लेकिन यह कहना गलत है कि हम दिल्ली सरकार के खिलाफ काम करते हैं.’
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने केजरीवाल को समझा दिया है कि उप राज्यपाल ही दिल्ली के असली बॉस हैं.
9 याचिकाएं, एक फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार और 8 अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई हो रही थी. सभी याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि उप राज्यपाल दिल्ली सरकार के फैसलों की अनदेखी कर रहे हैं, जो संविधान के आर्टिकल 339(एए) और आर्टिकल 163 के खिलाफ है.
दिल्ली सरकार और बाकी याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि जैसे देश के बाकी राज्यों में राज्यपाल सरकार की सलाह मानने के लिए बाध्य हैं, वैसे ही दिल्ली के उप राज्यपाल भी हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया.