निर्भया कांड के बाद कड़े किए गए बलात्कार कानून के तहत पहली बार जबरन ओरल सेक्स के मामले में चर्चित फिल्म पीपली लाइव के सह-निर्देशक महमूद फारूकी को 7 साल की सज़ा सुनाई गई है जो रेप के मामलों में निर्धारित न्यूनतम सज़ा के बराबर है. रेप के कुछ गंभीर मामलों में न्यूनतम सज़ा 10 साल भी है.
नई दिल्ली. दिसंबर, 2012 के निर्भया कांड के बाद 2013 में कड़े किए गए बलात्कार कानून के बाद देश में पहली बार जबरन ओरल सेक्स के एक मामले में चर्चित फिल्म पीपली लाइव के सह-निर्देशक महमूद फारूकी को दोषी मानते हुए 7 साल की सज़ा सुनाई गई है जो रेप के मामलों में निर्धारित न्यूनतम सज़ा के बराबर है. रेप के कुछ गंभीर मामलों में न्यूनतम सज़ा 10 साल भी है.