नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर बिल (जीएसटी) मॉनसून सत्र में एक महत्वपूर्ण बिल माना जा रहा है. इस बील के ऊपर संसद में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के लागू होने का बाद कर बचाना मुश्किल हो जाएगा.
जीएसटी की दर के लिए जेटली ने कहा कि इसकी दर 18 फीसदी तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सीईए की 2013-14 की रिपोर्ट यह नहीं कहती कि जीएसटी की दर 18 फीसदी होनी चाहिए, हमें 17 से 19 के बीच की दर रखने की बात कही गई थी, अच्छा होगा अगर हम 18 फीसदी की दर तय कर सकें.
विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू करना एक सिरदर्दी है लेकिन पूर्व वित्तमंत्री बन जाना बड़ा आसान है. पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम के सवाल का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि राज्य 18 फीसदी कर की दर पर तैयार नहीं है, वे चाहते हैं कि दर बढ़ाई जाए.
जीएसटी को लागू करने पर जेटली ने कहा कि हम कानून अपनी मर्जी से नहीं बनाते बल्कि काउंसिल की सिफारिशों पर ही काम करते हैं. साथ ही जीएसटी कांउसिल इस बात को तय करेगी किस वस्तु को इसके अंदर शामिल किया जाए किसे नहीं.