नई दिल्ली. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार शिक्षा का अधिकार कानून समेत कई सरकारी दिशा-निर्देशों को को ठेंगा दिखा रहे एक प्राइवेट स्कूल की चार में से दो ब्रांच को अपने कब्जे में लेने जा रही है. इसे एलजी नजीब जंग की ओर से भी मंजूरी दे दी गयी है.
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत गरीब छात्रों के लिए रिजर्व सीटें खाली रखने का आरोप इस स्कूल पर जांच में सही पाया गया है. इसके अलावा स्कूल के खातों में भी गड़बड़ी पाई गई. पिछले साल स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के पैरेंट्स ने सरकार से इस तरह की कई शिकायतें की थी जिसकी दिल्ली सरकार ने अलग-अलग दो जांच टीमों से जांच कराई.
जांच के लिए बनाई गई शिक्षा विभाग की टीम ने इस मामले से सम्बंधित अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2014-15 और 2015-16 के दौरान स्कूल में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के बेहद कम दाखिले हुए. इसके आलावा स्कूल सैलरी स्टेटमेंट से जुड़े दस्तावेज भी पेश करने में असफल रहा.
वहीं डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में यह निकल कर सामने आया कि स्कूल ने दिल्ली स्कूल एज्युकेशन एक्ट 1973 के सेक्शन 24 का उल्लंघन किया है. अब मैक्सफोर्ट स्कूल की पीतमपुरा और रोहिणी की ब्रांच दिल्ली सरकार के हिसाब से चलेगी. फिलहाल यह स्कूल चड्ढा एजुकेशन सोसाइटी और एस जगत सिंह चड्ढा चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत काम करती है.
मैक्सफोर्ट स्कूल दिल्ली सरकार के कदम के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है.
क्या होगा स्कूल को टेक ओवर किये जाने के बाद
स्कूल के टेक ओवर हो जाने के बाद इस प्राइवेट स्कूल का दर्जा नहीं बदलेगा लेकिन इसे मौजूद मैनेजिंग कमेटी की जगह सरकार द्वारा नियुक्त किये गए प्रबंधक द्वारा चलाया जाएगा. स्कूल के स्टाफ और अध्यापकों में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया जायेगा. टेक ओवर किये जाने के बाद इन्हें तनख्वा देने की जिम्मेदारी सरकार की होगी.