नई दिल्ली. सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर संविधान संशोधन विधेयक में कुछ प्रमुख बदलावों को मंजूरी दे दी है. राज्यों को एक फीसदी अतिरिक्त विनिर्माण कर लगाने संबंधी प्रावधान हटा लिया गया है और जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी दी जाएगी. यह भी प्रावधान किया जाएगा कि जीएसटी लागू होने पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद की सूरत में जीएसटी परिषद में मामला जाए और वही फैसला करे. इस परिषद में केंद्र और राज्य दोनों के नुमाइंदे होंगे.
राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिल पर सहमति बनाने के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है. कांग्रेस नेताओं से कई दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है. बुधवार को जेटली ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से चर्चा की. ममता जीएसटी बिल पर सरकार के साथ हैं और एनसीपी ने भी समर्थन का भरोसा दिया है. वहीं जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही सरकार को बिल पर समर्थन देने का आश्वासन दे चुके हैं.
अब बिल का अंतिम खाका तैयार करने के लिए वित्त मंत्री इस हफ्ते लेफ्ट नेताओं के साथ-साथ छोटे दलों से भी मुलाकात करेंगे. कांग्रेस के साथ अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब जबकि सरकार ने कांग्रेस की तीन में से एक बात मान ली है, इसलिए मुमकिन है कि अंतिम दौर की बातचीत में दोनों के बीच आम सहमति बन जाए.