नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता पर सफाई देते हुए भारत के प्रयासों पर चीन के द्वारा खड़ी की गई बाधा को स्वीकार किया है. उन्होंने यह भी कहा है कि चीन से मतभेदों को दूर करने लगातार कोशिश की जा रही है. हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर कभी हस्ताक्षर नहीं करेगा.
सुषमा स्वराज ने एनएसजी की सदस्यता को लेकर भारत के प्रयासों के बीच चीन के बाधा बनने की बात को स्वीकारते हुए कहा कि चीन ने प्रक्रियागत विषयों को उठाया था. चीन ने कहा था कि एनपीटी पर हस्ताक्षर करने वाला देश एनएसजी का सदस्य कैसे बन सकता है?
इसके अलावा सुषमा स्वराज ने लोकसभा में यह भी कहा कि अगर कोई देश आज विरोध कर रहा है तो इसका मतलब ये नहीं कि वह कभी नहीं मानेगा. भारत लगातार चीन से इस मुद्दे पर सपोर्ट के लिए बात कर रहा है. साथ ही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह कांग्रेस आज जीएसटी पर नहीं मान रही, इसका मतलब यह तो नहीं है हम उसे मनाना छोड़ देंगे. एक दिन कांग्रेस भी मान जाएगी.