नई दिल्ली. UP बीजेपी उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह द्वारा BSP सुप्रीमो मायावती की तुलना वेश्या से करने पर बुधवार को राज्यसभा में भारी हंगामा खड़ा हो गया जिसके बाद सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. राज्यसभा की कार्यवाही अब गुरुवार को सुबह 11 बजे बहाल होगी.
इस मसले पर चौतरफा निंदा के बीच सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी पार्टी के नेता के बेहूदा बयान के लिए खेद जताया और कहा कि बयान की जांच के बाद बीजेपी कार्रवाई करेगी. लेकिन सदन का गर्म माहौल इससे ठंडा नहीं पड़ा और हंगामा के बीच इसे गुरुवार की सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
इस बीच मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बयान के लिए खेद जताते हुए माफी मांगी है. लेकिन दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी से कम पर मायावती तैयार नहीं हैं. मायावती ने सदन में ही कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसी भी हिंसक प्रदर्शन की जवाबदेही मेरी नहीं होगी.
मायावती ने सदन में इस मामले को उठाते हुए कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी किसी भी पार्टी के नेता के खिलाफ इस तरह की अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है और बीजेपी नेता का यह बयान दिखाता है कि यूपी में बीएसपी को मिल रहे जनसमर्थन से बीजेपी हताशा में डूब रही है.
मायावती के साथ-साथ पार्टी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी राज्यसभा में बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह को बीजेपी से निकालने और कानूनी कार्रवाई करने की मांग उठाते हुए कहा कि इस तरह के हालात में अगर कोई प्रदर्शन या हिंसा होती है तो उसकी जवाबदेही पूरी तरह से बीजेपी की होगी.
मायावती के खिलाफ बीजेपी नेता के असंसदीय बयान की सदन में सभी दलों के नेताओं से एक स्वर से भर्त्सना की और सदन की राय में शामिल होते हुए सरकार की तरफ से अरुण जेटली ने कहा कि बीजेपी के एक नेता की तरफ से इस तरह के बयान से वो निजी तौर पर दुखी हैं. जेटली ने कहा कि बयान की जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी.
असल में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि एक वेश्या भी किसी से पैसा ले लेती है तो कमिटमेंट पूरा करती है लेकिन मायावती किसी को 1 करोड़ में टिकट दे भी दें और 2 करोड़ देने वाला मिल जाए तो उससे टिकट वापस लेकर ज्यादा पैसा देने वाले को दे देती हैं.