नई दिल्ली. सोमवार का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई में सुधार को लेकर लोढ़ा कमेटी की ज्यादातर सिफारिशों को सोमवार को मंजूर करते हुए अपना अंतिम फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी की ज्यादातर सिफारिशें मानते हुए कहा है कि कमेटी के सुझाव से बोर्ड में सुधार आएगा.
कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इन आदेशों से बदलाव आएगा. जस्टिस लोढ़ा कमेटी की ओर से अहम सिफारिशों में किसी मंत्री, ब्यूरोक्रेट या 70 से ज्यादा उम्र के लोगों को बोर्ड का मेंबर नहीं बनाने की बात कही गई है. साथ ही कोर्ट ने एक राज्य से एक वोट ही मंजूर करने की सिफारिश को भी मान लिया है. लेकिन बोर्ड को आरटीआई के दायरे में लाया जाए या नहीं, कोर्ट ने ये फैसला संसद पर छोड़ा है.
बता दें कि जस्टिस लोढ़ा कमेटी की ओर से बीसीसीआई में सुधारों को लेकर जो सिफारिशें की गई हैं उनमें से ज्यादातर बीसीसीआई को मंजूर नहीं थीं. जिनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी. बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला उजागर होने के बाद रिटायर्ड जस्टिस आरएम लोढ़ा के नेतृत्व में कमेटी बनाने को बोला था. ताकि बोर्ड में बड़े बदलाव किए जा सकें.
लोढा कमेटी ने लंबी जांच पड़ताल के बाद 4 जनवरी 2016 को अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थीं. हालांकि मार्च में शुरू हुई सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने कुछ सिफारिशों पर अपना विरोध जाहिर किया था. लेकिन कीर्ति आजाद और बिशन सिंह बेदी जैसे पूर्व क्रिकेटरों ने भी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों का समर्थन करते हुए उन्हें जल्द से जल्द अमल की वकालत की थी. कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 30 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.