मुंबई. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने नॉर्थ ब्लॉक में बॉस रहे लोगों पर तीखी टिप्पणी की है. सुब्बाराव ने आरोप लगाया है कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी केंद्रीय बैंक के कामकाज में दखल देते थे. उन्होंने कहा है कि खास तौर से ब्याज दर तय करने में दोनों पूर्व वित्त मंत्री हस्तक्षेप किया करते थे.
सुब्बाराव 5 सितंबर 2008 से 4 सितंबर 2013 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे. लेहमैन ब्रदर्स के ढहने के समय से पांच वर्षों के संकटकाल में सुब्बाराव ने आरबीआई का नेतृत्व किया था. सुब्बाराव ने लिखा है कि चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी दोनों ही रिजर्व बैंक की कड़ी ब्याज दर नीति से चिढ़े हुए थे. दोनों का मानना था कि ऊंची ब्याज दर निवेश की राह में रोड़ा है विकास को नुकसान पहुंचाती है.
सुब्बाराव ने शुक्रवार से बाजार में आई अपनी 352 पृष्ठों की किताब “हू मूव्ड माई इंटरेस्ट रेट्स” में पांच वर्षों के अनुभव को सामने रखा है. संयोग से यह किताब आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन के दूसरा विस्तार अस्वीकार करने के बाद सामने आई है. अपनी किताब में सुब्बाराव ने राजन को विदेशी मुद्रा बाजार में बुद्धिमानी दिखाने और रुपये की हालत सुधारने का श्रेय दिया है.