बुरहान वानी पैदा करने के लिए भारत सरकार जिम्मेदार: गिलानी

वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि हिंसक विरोध-प्रदर्शनों से सुलग रहे कश्मीर घाटी में स्थिति पर उनका पूरा नियंत्रण नहीं है, साथ ही उन्होंने घाटी में भड़की मौजूदा हिंसा के लिए भारत समर्थक सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया.

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बुरहान वानी पैदा करने के लिए भारत सरकार जिम्मेदार: गिलानी

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  • July 13, 2016 7:02 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
श्रीनगर. वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि हिंसक विरोध-प्रदर्शनों से सुलग रहे कश्मीर घाटी में स्थिति पर उनका पूरा नियंत्रण नहीं है, साथ ही उन्होंने घाटी में भड़की मौजूदा हिंसा के लिए भारत समर्थक सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया.
 
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गिलानी ने कहा, “वे क्रूर सेना का निडरता से सामना कर रहे हैं. हम ऐसा नहीं कह सकते कि हमारा स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण है.” उन्होंने हालांकि यह स्वीकार किया कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे कश्मीरी युवा हुर्रियत की भारत के खिलाफ प्रतिरोध वाली विचारधारा से प्रभावित हैं. 
 
 
पोस्टर ब्वॉय था वानी
बता दें कि 22 वर्षीय बुरहान वानी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था और हजारों की संख्या में उसके समर्थक थे. वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद का पोस्टर ब्वॉय बन चुका था और सोशल मीडिया के जरिए कश्मीरी युवकों को जिहाद के लिए प्रेरित करता था और उन्हें आतंकवादी संगठनों में भर्ती करवाता था.
 
 
‘भारतीय सेना जिम्मेदार’
गिलानी से जब पूछा गया कि क्या अलगाववादी राजनीतिक नेतृत्व कश्मीर की नई पीढ़ी को अपने लोकतांत्रिक और राजनीतिक अधिकारों को हासिल करने के लिए बंदूक का विकल्प मुहैया कराने में असफल रहा है? गिलानी ने आरोप लगाते हुए कहा, “भारत समर्थक सेनाएं और भारत सरकार बुरहान वानी जैसे लोगों को पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं.” गिलानी ने कहा, “भारत ने मानवाधिकारों और कश्मीरवासियों के मूल अधिकारों के प्रति कोई सम्मान नहीं जताया है.”
 
 
‘2010 से मैं घर में नजरबंद हूं’
उन्होंने कश्मीर घाटी में शांति बहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा हुर्रियत से अपील करने का मजाक उड़ाया. गिलानी ने कहा, “सरकार ने लोकतांत्रिक ताकतों को विकसित ही नहीं होने दिया. मैं 2010 से घर में नजरबंद हूं. हमें लोगों से मिलने की इजाजत नहीं है. भारत ने आतंक का एक दौर चला रखा है.”
 
 
‘इस्लामाबाद और दिल्ली हल निकाले’
उन्होंने कहा कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू-कश्मीर में तभी शांति स्थापित होगी, जब नई दिल्ली और इस्लामाबाद लोगों की इच्छानुरूप विवादित क्षेत्र का मसला हल कर लेंगे.

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