नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने अपनी सर्विस से वॉलन्टियरी रिटायरमेंट (वीआरएस) ले लिया है. वह भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी हैं. यहां सुनीता असिस्टेंट एडिशनल डायरेक्टर के पद पर काम कर रही हैं. उन्होंने आयकर विभाग में करीब 22 साल तक सेवा देने के बाद यह कदम उठाया है.
सुनीता केजरीवाल ने रिटायरमेंट को लेकर प्रत्यक्ष रूप से तो कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म हो चुका है.
साल के शुरू में ही दिया था आवेदन
सुनीता ने इस साल के शुरू में वीआरएस के लिए आवेदन किया था. विभाग में कैडर पर नियंत्रण रखने वाला सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने रिटायरमेंट को लेकर आधिकारिक नोटिस जारी करते हुए सुनीता की वीआरएस अर्जी को मंजूरी दे दी है.
सुनिता को मिलेगा पेंशन लाभ
सीबीडीटी ने एक आदेश जारी कर उनके स्वैच्छिक रिटायरमेंट की पुष्टि करते हुए कहा है कि सुनीता का वीआरएस 15 जुलाई से प्रभावी होगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने 20 साल की सेवा पूरी कर ली है इसलिए उन्हें पेंशन का लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने भी दिया था इस्तीफा
बता दें कि मुख्यमंत्री बनने से पहले केजरीवाल भी भारतीय राजस्व सेवा में बतौर ज्वाइंट कमिशनर तैनात थे. साल 2006 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं उनकी पत्नी सुनीता ने 2016 में इस्तीफा दिया है.
यह हो सकते हैं वीआरएस के कारण
सुनीता के वीआरएस पर केजरीवाल की ओर से अभी कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सुनीता के इस्तीफे को केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच मौजूदा टकराव से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं सूत्रों के मुताबिक, सुनीता को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. 2013 और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सुनीता ने केजरीवाल के लिए प्रचार भी किया था. हालांकि, केजरीवाल राजनीति में परिवारवाद के विरोधी रहे हैं.