नई दिल्ली. पहले आतंकी पैदा करो, फिर उसे भारत में भेजकर दहशत फैलाओ और जब वो आतंकी मारा जाए, तो मानवाधिकार का राग अलापो. पाकिस्तान इस समय यही कर रहा है. बता दें कि जम्मू कश्मीर में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने पर हालात बिगड़े हुए हैं.
इस बीच बुरहान की मौत का असर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी देखा गया. पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुरहान की मौत पर दुख जाहिर किया है और भारतीय सैन्य कार्रवाई की निंदा की.
नवाज के कार्यालय की ओर से बयान जारी किया गया है कि यह दुखद है कि आम नागरिकों के विरुद्ध भारी संख्या में फौज का इस्तेमाल किया जा रहा है. सेना के कड़े रुख का विरोध करते हुए नवाज की ओर से बयान आया है कि इस तरह के दमनकारी कदम जम्मू-कश्मीर की जनता को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों के आलोक में आत्म निर्णय के उनके अधिकारों का इस्तेमाल करने से विचलित नहीं कर सकते हैं.
अब सवाल उठ रहा है कि क्या अब पाकिस्तान भी मानवाधिकार की बात करेगा ? कश्मीर की बजाय अपने गिरेबां में क्यों नहीं झांकते नवाज़ शरीफ ? इंडिया न्यूज के खास शो ‘टुनाइट विद दीपक चौरसिया’ में इसी अहम मुद्दे पर पेश है बड़ी बहस.
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