मुंबई. अपने विवादित भाषणों से आतंक को बढ़ावा देने के आरोपी जाकिर नाईक सोमवार को गिरफ्तारी के डर से भारत नहीं लौटे हैं. जाकिर को सोमवार सुबह आठ बजे मक्का से भारत लौटना था. बता दें विवादों में आने के बाद जाकिर ने खुद बताया था कि वह 11 जुलाई को भारत लौटेंगे और 12 जुलाई को अपने उपर लगे आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई देंगे. इस मामले में जाकिर नाईक ने बकायदा एक वीडियो शूट करके बताया था.
बता दें कि ढाका में एक जुलाई को हुए आतंकवादी हमलों में 22 लोग मारे गए थे. इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों में एक जाकिर नाईक के भाषणों से प्रेरित बताया गया था.
महाराष्ट्र सरकार ने दिए जांच के आदेश
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने नाईक के भाषणों की जांच का आदेश भी दे दिए हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि वो डॉक्टर जाकिर नाईक पर लग रहे आरोपों की जांच कर रिपोर्ट दें.
‘आतंक पर समझौता नहीं’
राजनाथ सिंह ने मामले में सख्ती का रुख अपनाते हुए कहा है कि भारत सरकार आतंक के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी. उन्होंने यह भी बताया कि नाईक के भाषणों को लेकर जरूरी आदेश दे दिया गया है. इतना ही नहीं जाकिर के बयानों की सीडी जांच भी की जा रही है.
कब-कब आया नाम
2009 में न्यूयोर्क के सबवे में फिदायीन हमले की साजिश रखने के आरोप में गिरफ्तार नजीबुल्ला जाजी के दोस्तों ने बताया कि वो काफी वक्त तक डॉ नाईक की तकरीरों को टीवी पर देखता था.
2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपी राहिल शेख भी डॉ. नाइक से प्रभावित था.
2007 में बैंगलोर का एक शख्स कफील अहमद ग्लासगो एयरपोर्ट को उडाने की कोशिश करते हुए घायल हो गया. जांच में पता चला कि जिन लोगों की बातों से वो प्रभावित था उनमें से डॉ जाकिर नाइक भी एक थे.
यही नहीं हाल ही में हैदराबाद में गिरफ्तार आईएस के 5 लोगों का सरगना इब्राहीम यजदानी न सिर्फ डॉ जाकिर से प्रभावित था बल्कि 2010 में वो उनके कैंप में शामिल हुआ था.