नई दिल्ली. अपने विवादित भाषणों से आतंक को बढ़ावा देने के आरोपी इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष जाकिर नाईक के स्वर अब बदल गए हैं. नाईक ने खुद को मीडिया ट्रायल का शिकार बताया. अपने उपर लगे आरोपों को नाईक 12 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई देंगे. इस मामले में जाकिर नाईक ने बकायदा एक वीडियो शूट करके सफाई दी है.
उन्होंने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को निरधार बताते हुए कहा कि एक बांग्लादेशी अखबार ने बिना किसी सबूत के आतंकवादियों को मुझसे जोड़ दिया और भारतीय मीडिया ने भी बिना रिसर्च के मुझे जिम्मेदार ठहरा दिया.
नाईक ने कहा कि अगर मीडिया ने जरा सी भी रिसर्च कर ली होती तो उन्हें सच्चाई पता चल जाती. यही नहीं उन्होंने कहा, ‘दुनियाभर में मेरे करोड़ों प्रशंसक हैं. बांग्लादेश में 90 फीसदी लोग मुस्लिम हैं और उनमें से भी 50 फीसदी से ज्यादा मेरे प्रशंसक हैं. लेकिन मैं आतंकवाद फैला रहा हूं ये बातें गलत हैं.’
जाकिर नाइक के भाषणों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शूरू कर दी है. दरअसल एक खबर के अनुसार ढाका हमले का एक आतंकवादी जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित था और उन्हें अपना आदर्श मानता था. एक आतंकी ने सोशल साइट्स पर जाकिर का एक बयान शेयर किया था जिसमें कहा गया था कि सभी मुस्लमानों को आतंकवादी होना चाहिए.