नई दिल्ली. दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. दिल्ली सरकार की दलील है कि संविधान के अनुच्छेद 131 के मुताबिक केंद्र और राज्य के बीच विवाद होता है तो उसका निपटारा करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को है न कि हाई कोर्ट को. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस जे एस खेहर ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है.
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के संदर्भ में सविंधान के अनुच्छेद 239(A) की व्याख्या करने को कहा है साथ ही इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट को फैसला सुनाने पर रोक लगाने की मांग की है. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों के अधिकारों को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
केजरीवाल सरकार ने कहा कि पहले यह तय हो की दिल्ली राज्य है या नहीं. इसकी वजह से दिल्ली सरकार का काम प्रभावीत हो रहा है. दिल्ली सरकार की वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश सुरक्षित कर लिया है लेकिन सरकार चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसला देने पर रोक लगा दे. जयसिंह ने कहा कि दो साल से यह मामला चल रहा है जिससे दिल्ली का कामकाज प्रभावित हो रहा है. राज्य और केंद्र के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर कई याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है.
बता दें कि सत्ता में आने के बाद से ही केजरीवाल का एलजी और केंद्र से कई मसलों पर विवाद होता रहा है. इसमें जमीन और पुलिस खासतौर पर हैं, जहां पर दोनों कई बार जमकर टकराव हुआ है. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है यानी पुलिस और जमीन जैसे अहम विभाग केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाते हैं.