चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मुरथल सामूहिक बलात्कार मामले में हरियाणा सरकार को आड़े हाथ लिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को सबूत जुटाने के लिए और समय क्यों चाहिए? हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि इसमें कोई शक नहीं कि मुरथल में सामूहिक बलात्कार हुआ था. ऐसे में जांच एजेंसी को दोषियों को खोजने में ध्यान लगाना चाहिए. मांमले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.
हरियाणा सरकार की ओर से पेश वकील ने हालांकि स्वीकार किया कि मुरथल में फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान बलात्कार हुए थे. न्यायमूर्ति एसएस सरोन और न्यायमूर्ति लीजा गिल की पीठ ने सरकार को सुनवाई की अगली तारीख से पहले प्रकाश सिंह समिति की रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा पेश करने का निर्देश दिया.
हरियाणा सरकार ने अदालत में दावा किया कि उसे कथित सामूहिक बलात्कार की घटनाओं के संबंध में ‘नये सुराग’मिले हैं. अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस समय यह नहीं कहा जा सकता जांच किस तरफ जा रही है लेकिन कुछ सुराग मिले हैं. इसलिए राज्य सरकार कुछ और समय चाहती है.