Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • SC में केंद्र बोला, डीजल कारों पर बैन से ‘Make In India’ को नुकसान

SC में केंद्र बोला, डीजल कारों पर बैन से ‘Make In India’ को नुकसान

केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में 2000 CC से ज्यादा के डीजल वाहनों पर रोक को लेकर कहा है कि इससे मेक इन इंडिया पर गलत असर पड़ेगा. केंद्र ने अपनी सुप्रीम कोर्ट से इसकी फरियाद की है.

Advertisement
  • July 4, 2016 4:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में 2000 CC से ज्यादा के डीजल वाहनों पर रोक को लेकर कहा है कि इससे मेक इन इंडिया पर गलत असर पड़ेगा. केंद्र ने अपनी सुप्रीम कोर्ट से इसकी फरियाद की है.
 
इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर
 
केंद्र का मानना है कि इस बैन की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में विदेशी निवेश में अड़चन आ रही है. साथ ही निवेशकों में भ्रम पैदा हो रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बैन से इस सेक्टर में 5% डी-ग्रोथ हुआ है और अगर बैन ऐसा ही लगा रहा तो रोज़गार और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर भी इसका उलटा असर पड़ेगा. केंद्र का कहना है कि मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर ही मेक इन इंडिया योजना के लिए रीड़की हड्डी है.
 
दिल्ली और एनसीआर में 2000 या उससे ज्यादा सीसी की डीजल SUV और लग्जरी कारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक हटाने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
 
Stay Connected with InKhabar | Android App | Facebook | Twitter
 
केंद्र की ओर ये अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सैस एक तरह का टैक्स है जिसे लगाना न लगाना संसद के अधिकार क्षेत्र में है. कार निर्माता कंपनियों का बहुत पैसा लगा है, वहीं काम बंद होने की वजह से लोगों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार इस मामले में विचार कर रही है और जल्द ही रिसर्च और डेटा के आधार पर एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी.
 

Tags

Advertisement