केंद्र अब केजरीवाल से छीनेगा एंटी करप्शन ब्रांच की कमान

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली के एंटी करप्शन ब्रांच का कंट्रोल छीनने की तैयारी हो रही है. अंग्रेजी अखबार द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक उपराज्यपाल इस ब्रांच के बॉस बन सकते हैं. द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक एंटी करप्शन ब्रांच का कंट्रोल सीएम केजरीवाल के पास है लेकिन एलजी नजीब जंग खुद आदेश जारी करके अपने तहत ला सकते हैं. 

आपको बता दें कि एसीबी दिल्ली में भ्रष्टाचार निरोधक कानून पर अमल का काम करती है, ACB के अधिकार क्षेत्र को लेकर केंद्र और केजरीवाल में तनातनी रही है. ACB दिल्ली पुलिस की ब्रांच है लेकिन फिलहाल रिपोर्ट मुख्यमंत्री को करती है. केजरीवाल के पहली बार सीएम बनने पर एसीबी ने ही केजी बेसिन गैस के मुद्दे पर रिलायंस के मुकेश अंबानी, पूर्व पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली, मुरली देवड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
 
लेकिन अफसरों की नियुक्ति पर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन और अब एलजी को एसीबी का बॉस बनाए जाने की खबर के बाद आम आदमी पार्टी पूछ रही है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का अधिकार देने की बात करने वाली पार्टी केजरीवाल सरकार से हर अधिकार क्यों छीन रही है? केजरीवाल की कैबिनेट ने 26 और 27 मई को दो दिनों का विशेष सत्र बुलाया है जिसमें गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर चर्चा होगी.
 
मोदी सरकार को केजरीवाल से है एलर्जी
मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से एलर्जी है और इसलिए केंद्र सरकार उनके एजेंडे को खत्म करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, “केंद्र दिल्ली को परोक्ष रूप से एलजी के मार्फत चलाना चाहता है. केंद्र की सत्ता में बैठे लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे एजेंडे को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. भ्रष्टों पर नकेल कसने के कारण केंद्र को केजरीवाल से एलर्जी है.”
 
सिसोदिया ने कहा, “अब इस मुद्दे का निपटारा विधानसभा में होगा. हम विवादों से डरते नहीं, हम उन सभी से लड़ेंगे, जो दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के हमारे एजेंडे के रास्ते में अड़चन डालेंगे.” केजरीवाल के करीबी सिसोदिया ने आप सरकार को निशाना बनाने पर मीडिया को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा, “सकारात्मक आलोचना ठीक है, होनी ही चाहिए लेकिन किसी के इशारे पर नकारात्मक एजेंडे के साथ पत्रकारिता करना गलत है. वे हमसे सवाल करें, हमारी आलोचना करें, यदि हम कुछ गलत करते हैं तो हमें फांसी दे दें, लेकिन गलत अफवाह न फैलाएं. ध्यान रखें कि जिसको बेवजह निशाना बना रहे हैं, उसे भारी जनादेश मिला है.”
IANS से भी इनपुट 

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