नई दिल्ली. लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लागू किए जाने की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. BCCI ने कोर्ट मे कहा कि पैनल ने मंत्रियों, सरकारी अफसरों को BCCI में पद ना देने की सिफारिश की है. जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनेताओं पर कोई पाबंदी नहीं है, बस मंत्री नहीं होना चाहिए.
इस बीच चीफ जस्टीस ने कहा कि हम BCCI की स्वायत्ता में दखल नहीं दे रहे, हम सिर्फ खेल का विकास सही तरीके से हो, इसमें दिलचस्पी रखते हैं. इसके साथ ही BCCI में परफोरमेंस आडिट होना चाहिए, ये जवाबदेही होनी चाहिए कि पैसा कहां जा रहा है और कहां खर्च हो रहा है.
गौरतलब है कि बोर्ड में मंत्रियों को शामिल किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सुनवाई के दौरान सवाल उठाते हुए बीसीसीआई से पूछा था,”आप मंत्रियों को शामिल करने की तरफदारी क्यों कर रहे हैं, क्या मंत्री भी क्रिकेट खेलना चाहते हैं, अगर कोई मंत्री कहता तो समझ में आती, लेकिन बोर्ड उनके लिए तरफदारी क्यों कर रहा है?’