नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में बुद्धवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधिकार और ट्रिपल तलाक मामले में सुनवाई हुई . जिसके बाद ये निश्चित हुआ सुप्रीम कोर्ट अब तय करेगा कि किस हद तक कोर्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल दे सकता है.
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के बाद कहा कि एक गंभीर मामला है और इससे बडी संख्या में लोग प्रभावित होंगे. कोर्ट को इसमें कानूनी प्रावधानों को देखाना होगा. इसके कुछ प्रावधान लोगों को संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं. अगर कुछ मुद्दों पर जांच जरूरी होगी तो मामले को बडी बेंच में भेजा सकता है.
वहीं इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कहा कि इस मामले में सारे कानूनी पहलू हो चुके हैं. जजमेंट भी आ चुके हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सुनवाई नहीं करनी चाहिए. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.
बता दें कि इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता फरहा फ़ैज की उस याचिका पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. जिसमें याची ने ट्रिपल तलाक के मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की थी.