नई दिल्ली. दिल्ली सरकार में संसदीय सचिव बने 21 आम आदमी पार्टी विधायकों की सदस्यता पर 14 जुलाई को चुनाव आयोग सुनवाई करेगा. अब 14 जुलाई के बाद ही तय होगा कि ये 21 विधायक अपने पद पर बनें रहेंगे या इनकी विधानसभा की सदस्यता जाएगी. इससे पहले आयोग ने सभी 21 विधायकों को नोटिस जारी कर जबाव मांगा था कि क्यों ना इनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए.
क्या है मामला
बता दें कि मार्च 2015 को दिल्ली सरकार ने अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. इसके खिलाफ प्रशांत पटेल नाम के शख्स ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए. राष्ट्रपति ने ये याचिका चुनाव आयोग को भेजकर कार्रवाई करने को कहा. इसी के तहत आयोग ने आप विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा.
वहीं इस मामले पर आप विधायकों का कहना है कि वे सरकार से संसदीय सचिव के नाते कोई वेतन भत्ता या ऐसी कोई सुविधा नहीं ले रहे जो लाभ के पद के दायरे में आएं.
विधायक जिन पर लटकी है तलवार
1. जरनैल सिंह, राजौरी गार्डन 2. जरनैल सिंह, तिलक नगर 3. नरेश यादव, महरौली 4. अल्का लांबा, चांदनी चौक 5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा 6. राजेश ऋषि, जनकपुरी 7. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर 8. मदन लाल, कस्तूरबा नगर 9. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर 10. अवतार सिंह, कालकाजी 11. शरद चौहान, नरेला 12. सरिता सिंह, रोहताश नगर 13. संजीव झा, बुराड़ी 14. सोम दत्त, सदर बाज़ार 15. शिव चरण गोयल, मोती नगर 16. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर 17. मनोज कुमार, कोंडली 18. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर 19. सुखबीर दलाल, मुंडका 20. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़ 21. आदर्श शास्त्री, द्वारका