नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश टैक्सी ऑपरेटरों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में टैक्सी ऑपरेटरों को राहत नहीं मिली थी. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पिछली रिपोर्ट देखने के बाद प्रथम दृष्ट्या लगता है कि मनाली व रोहतांग के बीच चलने वाली गाड़ियों से ग्लेशियर को खतरा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि लोगों की जीविका ग्लेशियर से ही जुड़ी है जो सुरक्षित होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि हम इस मामले में बिना डाटा के कोई भी आदेश नहीं दे सकते. इतना ही नहीं कोर्ट ने ये भी कहा था कि हम ये आदेश कैसे दे सकते हैं कि वाहनों कि संख्या को 1200 से बढ़ाकर 2000 कर दे. बिना किसी डाटा के.
जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार ने टैक्सी ऑपरेटरों का समर्थन करते हुए था कि गाड़ियों की संख्या में इजाफ़ा होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार से सैंटफिक डाटा मांगा था कि कितनी गाड़ियों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है.
वही टैक्सी ऑपरेटर ने कहा था कि गाड़ियों कि वजह से कम बल्कि दिल्ली के प्रदूषण की वजह से ग्लेशियर ज्यादा प्रभावित होते है. उन्होंने ये भी कहा था कि ये उनकी जीविका का एक मात्र साधन है. टूरिस्ट कि वजह से वहा के स्थानीय लोगों कि कमाई होती है इसलिए NGT के आदेश में राहत दी जाये. ये कमाई का सीज़न मई से अक्टूबर तक ही होता है.