नई दिल्ली. आरएसएस बदल रहा है. इमेज मैनेजमेंट की तरफ एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने 2 जुलाई को संसद परिसर में इफ्तार पार्टी रखी है जिसका न्योता पाकिस्तान समेत 140 देशों के राजनयिकों को भेजा गया है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की इफ्तार पार्टी इस बार काफी बड़ी होगी. मंच ने देश भर में छोटी-छोटी इफ्तार पार्टियां भी आयोजित करने का फैसला किया है. साफ है कि आरएसएस कट्टर मुसलमान विरोधी छवि से बाहर आने की कोशिश कर रहा है और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को ये काम सौंपा गया है कि वो मुसलमानों को आरएसएस के पास लाए.
सूत्रों के मुताबिक 56 देशों के राजनयिकों और प्रतिनिधियों को ईमेल, पत्र और व्यक्तिगत संपर्क के जरिए इफ्तार के लिए आमंत्रित किया गया है. 40 देशों के उच्चायोग और दूतावास से सहमति भी आ गई है.
आरएसएस से जुड़े संगठन की इतनी बड़ी इफ्तार पार्टी की तैयारी पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के नेता सैयद असीम वकार ने राष्ट्रीय मुस्लिम मंच को आरएसएस का मुखौटा बताते हुए इसे नाटक करार दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस हमेशा से मुस्लिम विरोधी रहे हैं और ये लोग ‘मुस्लिम मुक्त भारत’ बनाना चाहते हैं.
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा है कि इस तरह के आयोजन से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. ये सिर्फ एक नुमाइश है. इनका असली चेहरा कैराना की रिपोर्ट में दिखता है.
पुनिया ने आरोप लगाया कि ये वही लोग हैं जो मुजफ्फरनगर में एक तरफ दंगा कराते हैं और दूसरी तरफ इफ्तार रखते हैं. पुनिया ने कहा कि ये इफ्तार पार्टी करें या कुछ और इनको कोई राजनीतिक फायदा नहीं होने वाला.