नई दिल्ली. सूचना कानून यानि आरटीआई के जरिए ये खुलासा हुआ है कि आज तक किसी रिटायर्ड न्यायाधीश को केन्द्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त नहीं बनाया गया है. जबकि पांच रिटायर्ड न्यायाधीशों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था. हालांकि एक बार एक न्यायाधीश का नाम शार्टलिस्ट जरूर हुआ था.
सुभाष चंद्र अग्रवाल ने आरटीआई दाखिल कर पूछा था की क्या अभी केन्द्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त पद पर किसी रिटायर्ड न्यायाधीश की नियुक्ति हुई है जिसका जवाब में पता चला है कि आज तक कभी किसी रिटायर्ड जज का सूचना आयुक्त या मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए चयन नहीं हुआ.
सिर्फ एक बार गुजरात हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश रवि आर त्रिपाठी का नाम उम्मीदवारो की सूची में शार्टलिस्ट जरूर हुआ था. हालांकि 2013 से 2015 के बीच हाईकोर्ट के पांच सेवानिवृत न्यायाधीशों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था.
गौरतलब है कि केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त पद पर सेवानिवृत और वर्तमान न्यायाधीशों की नियुक्ति की चर्चा इसलिए हुई क्योंकि सितंबर 2012 में सुप्रीमकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि सूचना आयोग का अध्यक्ष वही व्यक्ति होगा जो हाईकोर्ट या सुप्रीमकोर्ट का न्यायाधीश रहा हो.
हालांकि एक साल बाद ही सरकार के अनुरोध पर सुप्रीमकोर्ट ने पुनर्विचार करते हुए अपना फैसला बदल दिया था और आरटीआई कानून में दी गई प्रतिष्ठित व्यक्ति की नियुक्ति की परिभाषा फिर लागू कर दी थी.