नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तर्ज पर देश के चारों कोनों को बुलेट ट्रेन से जोड़ने जा रहे हैं. दरअसल वाजपेयी ने जिस तरह देश के चारों कोनों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क योजना का निर्माण किया था. उसी के आधार पर पीएम मोदी देश के चारों कोनों को बुलेट ट्रेन से जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार देश मे मुम्बई-अहमदाबाद के बीच शुरू होने जा रही बुलेट ट्रेन अब देश के चारों कोनों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए 6 नई बुलेट ट्रेन और लेकर आ रही है. दिल्ली-मुम्बई, मुम्बई-चेन्नई, दिल्ली-कोलकाता, कोलकाता-चेन्नई के बीच मे बुल्लेट ट्रेन शुरू होगी जो एक तरह से चतुर्भुज परियोजना का आकर दिखेगी.
देश के उत्तर-दक्षिण कोनों को जोड़ने के लिए और पूर्व-पशिम कोनो को जोड़ने के लिए 2 बुलेट ट्रेन दिल्ली-चेन्नई और मुम्बई-कोलकाता के बीच शुरू की जाएगी. ये बुलेट ट्रेने 310 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से भारत मे दौड़ेगी. दिल्ली से कोलकाता जाने वाली बुलेट ट्रेन के 2 स्टेशन लखनऊ और वाराणसी होंगे.
चारों कोनों को जोड़ने के लिए बुलेट ट्रेन के सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है. दिल्ली-मुम्बई बुलेट ट्रेन के सर्वे का काम चीन, दिल्ली-कोलकाता बुल्लेट ट्रेन के सर्वे का काम स्पेन और मुम्बई-चेन्नई बुलेट ट्रेन के सर्वे का काम फ्रांस की कपनियो ने किया है. दिल्ली-चेन्नई बुलेट ट्रेन के सर्वे का काम चीन ने पूरा कर लिया है.
मुम्बई-कोलकाता बुलेट ट्रेन के लिए मुम्बई-नागपुर तक सर्वे का काम पूरा हो चुका है. इन बुलेट ट्रेनों की लागत पर अभी बात हो रही है. मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए 7 साल का समय तय किया गया था उसके पहले ही यह बुलेट ट्रेन 2019 तक शुरू होने की संभावना है.