बेंगलुरु. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) एक बार फिर रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. इसकी उलटी गिनती आज से शुरु हो चुकी है. 22 जून 2016 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो 20 सैटेलाइट को एक साथ स्पेस में भेजेगा, जिसकी लागत अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के मुकाबले करीब 10 गुना कम होगी.
इस संबंध में इसरो की ओर से रविवार को एक बयान जारी किया गया. इस मिशन में अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, इंडोनेशिया, चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय और पुणे के कॉलेड ऑफ इंजीनियरिंग के सैटेलाइट शामिल हैं. सैटेलाइट को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV- C34) के जरिए स्पेस में भेजा जाएगा. बुधवार की सुबह 9.26 मिनट पर इसकी लॉन्चिंग होगी.
अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले 20 सैटेलाइट का कुल वजन 1288 किलोग्राम है. पीएसएलवी इन सभी सैटेलाइट्स को 505 किलोमीटर की ऊंचाई तक सन ऑर्बिट में लेकर जाएगा. इन उपग्रहों में 725.5 किलोग्राम वजनी भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण अंतरिक्ष यान काटरेसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह शामिल है, जिससे भेजी जाने वाली तस्वीरें शहरी, ग्रामीण, तटीय भूमि उपयोग, जल वितरण और अन्य अनुप्रयोगों के लिए मददगार होंगी. जबकि अन्य 19 उपग्रहों में 560 किलोग्राम के अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ-साथ चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय और पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के दो उपग्रह शामिल हैं.
2008 में भेजे गए थे 10 सैटेलाइट
इससे पहले इसरो ने 2008 में 10 सैटेलाइट को एक साथ स्पेस में भेजा था. उसके बाद यह पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रक्षेपण यान इतनी संख्या में सैटेलाइट को लॉन्च करेगा. इसलिए यह मिशन हमारे लिए यादगार बनने वाला है.