नई दिल्ली. पूरी दुनिया में इस वक्त एक ही नाम चर्चा में है कि आखिर क्या बगदादी मारा गया? क्या सच में अबु बक्र अल-बगदादी को अमेरिकी सेना नाटो ने मौत के घाट उतार दिया. इंडिया न्यूज के शो खलनायक में देखेंगे बगदादी की पूरी कहानी जन्म से लेकर अल-कायदा इराक-ISI बनने तक.
2006 से बगदादी ने की शुरूआत
एक लंबी लड़ाई के बाद अमेरिका इराक को सद्दाम हुसैन के चंगुल से आजाद करा चुका था. पर इस आजादी को हासिल करने के दौरान इराक पूरी तरह बर्बाद हो चुका था. अमेरिकी सेना के इराक छोड़ते ही बहुत से छोटे-मोटे गुट अपनी ताकत की लड़ाई शुरू करने लगे. उन्हीं में से एक गुट का नेता था अबू बकर अल बगदादी. अल-कायदा इराक का चीफ. वो 2006 से ही इराक में अपनी जमीन तैयार करने में लगा था. मगर तब ना उसके पास पैसे थे, ना कोई मदद और ना ही लड़ाके.
अल-कायदा इराक बना ISI
दरअसल अमेरिकी सेना 2011 में जब इराक से लौटी, तब तक वो इराकी सरकार को बर्बाद कर चुकी थी. सद्दाम मारा जा चुका था. इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से तबाह हो चुके थे और सबसे बड़ी बात ये कि वो इराक में खाली सत्ता छोड़ गए थे. संसाधनों की कमी के चलते तब बगदादी ज्यादा कामयाब नहीं हो पा रहा था. हालांकि इराक पर कब्जे के लिए तब तक उसने अल-कायदा इराक का नाम बदल कर नया नाम आईएसआई यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक रख लिया था
बगदादी की पूरी कहानी
बगदादी का जन्म वर्ष 1971 में इराक के समार्रा शहर में एक निम्न मध्यवर्गीय सुन्नी परिवार में हुआ था. धार्मिक आचार-व्यवहार के कारण समाज में उसके परिवार की बड़ी प्रतिष्ठा थी तथा उसके वंश का यह भी दावा था कि पैगंबर मोहम्मद उनके पूर्वज थे.
बचपन और किशोरावस्था में ही बगदादी का रुझान कुरान और धार्मिक कानूनों की तरफ था.
उसने इसलामिक अध्ययन को ही अपनी शिक्षा के विषय के रूप में चुना. बगदादी को कई नामों से जाना जाता है, जैसे- अबू दुआ, अबू बकर अल-बगदादी अल-हुसैनी अल-कुरैशी, अमीर अल-मोमिमीन, खलीफा इब्राहिम, शेख बगदादी आदि. उसका असली नाम इब्राहिम अवाद इब्राहिम अल-बदरी है.
उसने 1996 में बगदाद विश्वविद्यालय से इसलामिक अध्ययन में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की तथा सद्दाम विश्वविद्यालय से 1999 में कुरान के अध्ययन में परास्नातक तथा 2007 में पीएचडी की उपाधि हासिल की.