मोदी सरकार की आज (29 जनवरी 2025 ) कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में 2 बड़े फैसलों पर मुहर लगी है। इसमें से एक फैसला किसानों की राहत के लिए है. वहीं दूसरे फैसले का असर एग्री सेक्टर के साथ की अन्य सेक्टर पर भी देखने को मिलेगा।
नई दिल्ली : मोदी सरकार की आज (29 जनवरी 2025 ) कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में 2 बड़े फैसलों पर मुहर लगी है। इसमें से एक फैसला किसानों की राहत के लिए है. वहीं दूसरे फैसले का असर एग्री सेक्टर के साथ की अन्य सेक्टर पर भी देखने को मिलेगा। आर्थिक मामलों पर कैबिनेट कमेटी ने इथेनॉल के लिए कीमतों को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कैबिनेट ने नेशनल क्रिटिकल मिनिरल मिशन को मंजूरी भी दी है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए क्रिटिकल मिनरल की अहमियत को देखते हुए 16300 करोड़ो रूपये के इस मिशन को मंजूरी दी गई है जिसके उदेश्य मिनरल्स के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में CCEA ने इथेनॉल की खरीद के लिए संशोधित कीमतों को मंजूरी दे दी है। ये कीमतें 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक लागू रहेंगी। फैसले के मुताबिक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के तहत C-Heavy Molasses यानि CHM की एक्स-मिल कीमत 56.58 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। इस फैसले से किसानों को फायदा होगा और साथ ही कच्चे तेल पर देश की निर्भरता कम होगी और विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
कैबिनेट ने आज नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को भी मंजूरी दे दी है। इसमें 16300 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है और करीब 18000 करोड़ रुपये सरकारी कंपनियां लगा सकती हैं। सरकार के इस मिशन का मकसद उन क्रिटिकल मिनरल्स के लिए बेहतर वैल्यू चेन स्थापित करना है जो ग्रीन टेक्नोलॉजी के लिए बेहद जरूरी हैं। कैबिनेट की ओर से जारी रिलीज के मुताबिक क्रिटिकल मिनरल सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रभावी ढांचा स्थापित करना बेहद जरूरी है। इसी को देखते हुए वित्त मंत्री ने 23 जुलाई 2024 को पेश बजट में क्रिटिकल मिनरल मिशन का ऐलान किया था। इस मिशन के जरिए देश में ऐसे मिनरल्स की खोज के काम में तेजी लाई जा सकेगी। इस मिशन में अगले 7 साल में 34,300 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं।
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